*शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाशित करता है। डाक्टर निधि वर्मा*

 







शिक्षकसमाज के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देश समाज के लिए एक अच्छे नागरिक का निर्माण करता है। शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाशित करता है। ये बातें डाक्टर निधि वर्मा ने शिक्षकों के सम्मान समारोह में कही। विधार्थीयो मे अच्छे गुणो का विकास करवाना भी जरुरी है ये वो शिक्षा जो विनम्रता सिखाए, अहंकार नहीं वो असली शिक्षा है। एक शिक्षक अपने जीवन के अन्त तक मार्गदर्शक की भूमिका अदा करता है और समाज को राह दिखाता रहता है, तभी शिक्षक को समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है। ... गुरु या शिक्षक का संबंध केवल विद्यार्थी को शिक्षा देने से ही नहीं होता बल्कि वह अपने विद्यार्थी को हर मोड़ पर उसको राह दिखाता है और उसका हाथ थामने के लिए हमेशा तैयार रहता है। शिक्षकसमाज के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देश समाज के लिए एक अच्छे नागरिक का निर्माण करता है। यह बात डाक्टर निधि वर्मा ने स्कूल के शिक्षकों को सं‍बोधित करते हुए कही। डाक्टर निधि वर्मा ने शिक्षकों को सं‍बोधित करते हुए कहा कि शिक्षक समाज राष्ट्र का निर्माता हेता है। समाज राष्ट्र महत्वपूर्ण जिम्मेदारी शिक्षक पर होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक ना केवल उन्हें अपने विद्यार्थियों को शिक्षा देने का कार्य करता है अपितु उन्हें मंजिल का रास्ता भी दिखाता है।ओर आपस मे सदभाव से रहना सिखाता हैा इसलिए शिक्षक का दायित्व सदैव सर्वाधिक होता है। डाक्टर निधि वर्मा कहती कि शिक्षक का दायित्व है कि वह हर विद्यार्थी के मार्ग प्रशस्त करे। शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है। वह प्रत्येक दशा में अपने विद्यार्थी का भला करने का प्रयास करता है और इसी प्रयास से वह राष्ट्र निर्माण में अपनी एक अलग भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि उचित समय पर सही शिक्षा देना ही शिक्षक का मूल कर्तव्य है। इसके साथ ही गुणात्मक शिक्षा देना भी आवश्यक है। क्योंकि एक सर्वगुण सम्पन्न नागरिक ही देश का विकास कर सकता है।

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