*10 साल के बच्चे ध्रुव शर्मा ने बनाई अनोखी डिवाइस सोशल डिस्टेंसिंग में आ सकती है काम*

 


 गाजियाबाद एक होनहार बच्चे ध्रुव शर्मा ने मात्र 10 साल की उम्र में जो कि कक्षा 6 का छात्र है और अंतरराष्ट्रीय योगा में कई अवार्ड प्राप्त कर चुका है ऐसे बच्चे ने एक अनोखी डिवाइस बनाई है जिसकी लागत मात्र ₹800 है इसके द्वारा सोशल डिस्टेंस का पालन करना बहुत ही आसान हो जाता है इस डिवाइस के बारे में बच्चे के द्वारा दी गई जानकारी उसी के शब्दों में प्रस्तुत है


ये बात सभी को पता है कि अगर हम किसी अगर हम किसी के पास जाएंगे तो हमें कोरोना होने का खतरा है तो इसी बात को सोचते हुए मुझे ऐसा लगा कि कुछ ऐसा डिवाइस बनाना चाहिए जिससे कि हम काम भी कर सके, अगर बाहर भी जा जाए, स्कूल जाए या अगर लोग ऑफिस भी जाए तो उन्हें कॉरोना का डर नहीं लगे, हम सब को आराम से काम कर सके ।

 

अगर हम कभी भी गलती से किसी के कोंटेक्ट में आ जाते हैं, तो क्या करे ???

 हम काम को रोक भी नहीं सकते है, वो बहुत जरूरी है । बस हमें अपने आप को सुरक्षित रखना है ।


मेरे स्कूल में 1 साइंस प्रोजेक्ट एग्जिबिशन होना था । तो फिर मैंने सोचा कुछ ऐसा बनाऊ कि को हम सभी के लिए बहुत जरूरी हो।


 मेरे मा मुझे घर से बाहर नहीं जाने देती थी ।


डर लगता था कहीं कोई मुझे छू ना दे।

 

मुझे यह बात समझ में आ गई कि हमें कुछ दूरी रखनी है ।

अभी सरकार भी चला रही है 2 गज की दूरी है जरूरी।

 तो फिर मैंने सोचा कि कोई ऐसी चीज बनाई जाए, जो इस चिंता को खतम कर सके ।



में बाहर जाकर खेल सकू और लोग काम कर सके ।


 मैंने अपनी मा से डिस्कस किया ।


मैंने रोबोटिक्स में कोर्स भी किया है। मुझे पता था, ऐसे बहुत सारे सेंसर आते हैं जिसके मदद से मै ये सहायता बना सकता हूं । मैंने इस कोरोना समय में पाइथन और C++ सीखी थी । फिर मैंने सारे सामान खरीदे ।


मुझे बहुत साइंस में बहुत ज्यादा रुचि है मेरे घर में कोई भी सामान खराब हो जाता है या कोई खिलौना खराब हो जाता है 

तो मैं उसे खोल कर उसको ठीक करना अच्छा लगता है।


घर पर फिर मैंने सब सामान इकट्ठा कर लिया । इसके लिए मैंने ₹800 खर्च करने पड़े ।

 बिजली का सामान करने के लिए मैंने अपने घर के पास में रहने वाले एक अंकल से कांटेक्ट किया कि उनकी हेल्प से मैंने सोल्डरिंग वगैरह करवाई ।

 मेरा डिवाइस बन गया। मुझे पता था कि यह चलेगा लेकिन जैसे ही पहली बार चला, तो मेरी जोर से चिल्लाया यह क्या है तो बहुत बढ़िया चीज है ।

 फिर मैंने इस डिवाइस को शर्ट पर लगाया और अपने दोस्तों के साथ पार्क में गया । जैसी मेरे कोई मेरे पास आता था । तुरंत आलम बज जाता और मेरे दोस्त पीछे हो जाते । फिर मैंने अपने घर की फैमिली मेंबर के साथ किया और यह मुझे बहुत अच्छा लगा मुझे बहुत खुशी हुई ।


इसको बनाने में मुझे 3 से 4 दिन का टाइम लगा और मैंने इसमें ₹800 खर्च किए । आप बैटरी जो है अभी तो मैंने बैटरी 9 वोल्ट की बैटरी लगाई है और मैं इसको भविष्य में रिचार्जेबल भी कर सकता हूं और यह बैटरी कम से कम 15 से 20 दिन चल जाएगी ।

 इसको लगाने से किसी को इसको लगाने से किसी को भी कोई करंट नहीं लगेगा और कोई परेशानी नहीं होगी इसको हम आराम से पॉकेट में भी रख सकते हैं । इसका मैंने कवर भी बनाया है । यह बहुत हल्का है 5-6 ग्राम ।इसको हम कैसे भी अपने पास रख सकते हैं। मेट्रो में लेकर जा सकते हैं। मार्केट में लेकर जा सकते हैं और मैं आपको बताता हूं उसका मैकेनिज्म क्या है


इसमें जो मैंने सामान यूज किए हैं वह है 


बजर

एलईडी बल्ब

Arduino use किया है और Arduino IDE 

जाते से कंप्यूटर से कोडिंग किया।

ये डिस्टेंस को कैलकुलेट करता और अगर कंडीशन मैच हो जाती है तो बजर बज जाता है और लेड बल्ब जल जाती है।


Jumpire वायर लूज हो जाते है, इसीलिए पीसीबी बोर्ड इस्तेमाल किया है।

अल्ट्रासोनिक सेंसर



आर्टिनो जो कोडिंग हम लोग करेंगे और कोडिंग सके तो हम डिस्टेंस को कैसे करेंगे कि अगर कंडीशन को मैच करेगा कि अगर यह डिस्टेंस ना मेरे पास हुआ तो बाजार और लाइट आ जाएगी उसके बाद मैंने अल्ट्रासोनिक सेंसर लिया है जो डिस्टेंस चेक करता है

मैंने पीसीबी बोर्ड पर डायरेक्ट किया है यूज़ किया है करंट को लिमिट करने के लिए और

इसकी रेंज 200 सेंटीमीटर से 500 सेंटीमीटर है।


स्कूल के डायरेक्टर रमन राजा खन्ना ने ध्रुव को एक देश का गौरव बताया और कहा जैसा ध्रुव योगा और पढ़ाई में अव्वल आता है उसी तरह से हर क्षेत्र में अपने नाम का लोहा मानवता है ।





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